Ram Mandir: 34 साल बाद ग्रहण करेंगे अन्न, इस बाबा को है राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा का इंतजार
Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने पर 34 साल बाद
फलाहारी बाबा अन्न ग्रहण करेंगे। उन्हें 22 जनवरी का इंतजार है,
जब रामलला अपने घर में विराजेंगे। इसी दिन वह झूलूमऊ गांव में जनसहयोग से बने
राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कराएंगे। जाजमऊ एहतमाली गांव निवासी
लक्ष्मी स्वरूप ब्रह्मचारी उर्फ फलाहारी बाबा राम मंदिर आंदोलन के दौरान
12 अक्टूबर 1989 को जेल भेज दिए गए थे।रायबरेली जेल में 17 अक्टूबर को उन्होंने प्रतिज्ञा की थी
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कि जब राम मंदिर बनेगा तभी अन्न ग्रहण करूंगा। फलाहारी बाबा ने उसी दिन से ही चारपाई पर सोना,
रजाई ओढ़ना और अन्न को त्यागकर खड़ाऊ पहनना एवं ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर दिया था।
तब से लेकर वह निरंतर 34 साल के बाद भी सभी संकल्पों का पालन करते आ रहे हैं।
आज तक ब्रह्मचारी और फलाहारी होकर जीवन यापन कर रहे हैं।
खुद भी कराया है राम मंदिर का निर्माण
सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर के पक्ष में निर्णय आने के बाद उन्होंने एक-एक मुट्ठी अन्न और
एक-एक रुपये जनता से मांग कर झूलूमऊ गांव स्थित मां फूलमती मंदिर परिसर में राम मंदिर का निर्माण कराया।
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अब उसी में अयोध्या में निहित 16 जनवरी से 22 जनवरी तक होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के
मुहूर्त के समय ही अपने मंदिर में भी प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त रखा है।
कर रहे हैं ब्रह्मचर्य का पालन
यहां 22 जनवरी को राम दरबार स्थापना एवं कन्या भोज के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
इसके बाद तब यह अन्न ग्रहण करेंगे। बाबा ने देव आश्रम दंडी
स्वामी से गुरु मंत्र लिया था, तब से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे हैं।
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