सहकारी बैंकों के ग्राहकों को बड़ी राहत, फंसे रुपये अब निकल सकेंगे, जानिये क्या करना होगा
प्रदेश की कमजोर वित्तीय स्थिति वाले 16 जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) के ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर है।
अब इन बैंकों से ग्राहकों की मांग के मुताबिक उनकी जमा राशि का भुगतान किया जा सकेगा। इ
सके लिए इन बैंकों से ग्राहकों द्वारा जमा की गई धनराशि में से अगले छह माह में निकाली जाने वाली राशि का अनुमान
छह महीने पहले ही उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक लि. को भेजना होगा। गौरतलब है कि वित्तीय स्थिति काफी खराब होने से
इन बैंकों से ग्राहकों की जमा राशि का पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा था। टुकड़ों में भुगतान की व्यवस्था दी गई थी।
इन बैंकों का 1200 करोड़ है यूपीसीबी के पास
हाल ही में इन बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए हुए उच्चस्तरीय बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
मिली जानकारी के मुताबिक इन बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए करीब 1200 करोड़ रुपये यूपीसीबी के पास हैं। इस
धनराशि में से 60 फीसदी धनराशि से ग्राहकों की जमा राशि के भुगतान पर खर्च किए जाने का फैसला लिया गया है।
9 फीसदी ब्याजदर पर चीनी मिलों को 500 करोड़ लोन देंगे ये बैंक
यूपीसीबी के एमडी वरुण मिश्रा के मुताबिक 16 कमजोर डीसीबी में ग्राहकों की मांग के
अनुसार भुगतान की व्यवस्था कराई गई है। सूत्रों के मुताबिक इन बैंकों के
प्री मेच्योर डिपाजिट पर जो एक फीसदी पेनाल्टी लगाई जाती थी, उसे हटा दिया गया है।
यूपीसीबी ने इन बैंकों के लिए डिपाजिट पर ब्याज रेट को 5.85 फीसदी से बढ़ाकर 6.80 कर दिया गया है।
इन कमजोर बैंकों की स्थिति सुधारने के लिए इनसे शुगर कंसोर्टियम में 500 करोड़ रुपये ऋण दिलाने की योजना
बनाई गई है। इस धनराशि पर बैंकों को 9 फीसदी ब्याज मिलेगा।
इन बैंकों के लिए शार्ट टर्म लोन जो 5.35 फीसदी था, उसे घटाकर 5.20 फीसदी कर दिया गया है।
ये हैं कमजोर वित्तीय स्थिति वाले 16 डीसीबी
गोरखपुर, देवरिया. आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, प्रयागराज, फतेहपुर, हरदोई, सीतापुर, बहराइच, सुल्तानपुर, अयोध्या, बस्ती, सिद्धार्थनगर और जौनपुर।