FPI’s dominance in the share market is not stopping ,अब लगा दिए इतने पैसे, घरेलू निवेशकों के उड़े होश
FPI’s dominance in the share market is not stopping,:भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशक अब
जमकर पैसा लगा रहे हैं. वहीं विदेशी निवेशकों की ओर से की जा रही हाल की खरीद के कारण
घरेलू निवेशक भी हैरान हैं. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में अब
तक भारतीय शेयर बाजारों में 12,000 करोड़ रुपये लगाए हैं. उनका निवेश इन अनुमानों पर आधारित है
कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक
विशेषकर अमेरिका का फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर कुछ नरम रूख अपना सकते हैं.
इतने रुपये किए निवेश
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर से 16 सितंबर के बीच
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,084 करोड़ रुपये लगाए हैं.
FPI’s dominance in the share market is not stopping
आर्थिक वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीदों के बल पर एफपीआई शुद्ध लिवाल बने रहे.
मॉर्निंग स्टार इंडिया में एसोसिएट निदेशक-प्रबंध शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा,
‘‘विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों में इस उम्मीद से निवेश कर रहे हैं कि वैश्विक केंद्रीय बैंक विशेषकर फेडरल
रिजर्व दरों में वृद्धि पर नरम रूख अपना सकता है क्योंकि अब मुद्रास्फीति घटना शुरू हो गई है.’’
9 महीने तक निकाला था पैसा
इन आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब
5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था. भारतीय शेयर बाजारों से लगातार नौ महीनों
तक पैसा निकलने के बाद एफपीआई जुलाई में शुद्ध लिवाल बने थे.
क्या होगा FPI का नजरिया?
इसके पहले अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से करीब 2.46 लाख
करोड़ रुपये की निकासी की थी. कोटक सिक्युरिटीज में प्रमुख (इक्विटी शोध-खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा
कि मौद्रिक सख्ती, बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक चिंताओं को
देखते हुए आने वाले समय में एफपीआई का रूख अस्थिर बना रहेगा.