death:मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के ओएसडी की सड़क हादसे में मौत,नीलगाय रोड पर आने से पलटी कार
death: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैंप कार्यालय में तैनात ओएसडी मोतीलाल सिंह की
सड़क हादसे में दर्दनाक मौत(death) हो गई है. वहीं, इस घटना में उनकी पत्नी वीना सिंह गंभीर रूप से घायल हो गईं.
उनका इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. मोतीलाल सिंह गोरखनाथ मंदिर में
जन सामान्य निवारण अधिकारी के पद पर जनता की समस्या सुनते थे. बताया जा रहा है कि
शुक्रवार सुबह करीब 4.00 बजे वह चौरीचौरा के चेयरमैन प्रतिनिधि ज्योति प्रकाश गुप्ता के साथ लखनऊ के लिए
निकले थे. तभी बस्ती जिले के खजौली चौकी के पास सड़क पर अचानक नीलगाय आ
जाने की वजह से उनकी स्कॉर्पियो अनियंत्रित होकर गड्ढे में जा गिरी.
रास्ते में नीलगाय के आने से हुआ हादसा
इस हादसे में सभी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने
स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेंस के जरिए मोतीलाल, उनकी पत्नी और ड्राइवर को
श्री गोरक्षनाथ हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां चिकित्सकों ने मोतीलाल को मृत घोषित कर दिया.
जबकि गंभीर रूप से घायल पत्नी को बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया.
सीएम योगी ने ओएसडी के निधन पर जताया शोक
घटना संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर पूरी हादसे की जानकारी ली और उनके निधन पर गहरा दुःख जताया.
बता दें, ओएसडी मोतीलाल सिंह मूल रूप से आजमगढ़ के ग्राम बुढ़नपुर पोस्ट कोयलास के निवासी थे और वर्तमान
समय में गोरखपुर सिविल लाइंस में परिवार संग रहते थे. वह साल 2018 से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में तैनात थे.
गोरखनाथ मंदिर में दे रहे थे अपनी सेवाएं
बताया जा रहा है कि मोतीलाल सिंह बहुत ही सरल स्वभाव के और मृदभाषी थे.
मोतीलाल सिंह नगर निगम में अपर नगर अधिकारी की पद से सेवानिवृत्त हुए थे.
इससे पहले वह उप जिलाधिकारी चौरी चौरा भी रह चुके थे. सेवानिवृत्त होने के बाद
साल 2018 से मोतीलाल सिंह गोरखनाथ मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे थे.
वह मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय और जनता दर्शन से लेकर मंदिर में
सभी समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण में अहम भूमिका निभाते थे.
ओएसडी मोतीलाल सिंह के कंधों पर थीं कई अहम जिम्मेदारियां
सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे से लेकर उनके लखनऊ आने तक की व्यवस्थाओं पर मोतीलाल सिंह की नजर रहती
थी. मंदिर में हर छोटी बड़ी घटना से लेकर लोगों की फरियाद सुनने और मुख्यमंत्री योगी तक उनकी बात पहुंचाने का भी
काम मोतीलाल सिंह ही देखते थे. उनके निधन की खबर मिलते ही गोरखनाथ मंदिर में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई.