सुप्रीम कोर्ट का बाबा रामदेव से सवाल… ‘क्या कोई गारंटी है कि आयुर्वेद सभी बीमारियों का इलाज करेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव से एलोपैथी डॉक्टरों पर उनकी बयानबाजी को लेकर कई सवाल पूछे हैं.
कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए रामदेव से पूछताछ की।
एलोपैथी और इसका अभ्यास करने वाले डॉक्टरों को बदनाम करने की कोशिश करने वाले
विज्ञापनों के संबंध में अदालत ने बाबा रामदेव से पुछ-ताछ की।
केंद्र से बाबा रामदेव को इस तरह के बयान देने से रोकने को कहा गया है.
रामदेव एलोपैथिक डॉक्टरों पर क्यों आरोप लगा रहे हैं?
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर
याचिका पर सुनवाई की। बेंच में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार भी शामिल थे।
कोर्ट ने कहा, ‘बाबा रामदेव एलोपैथिक डॉक्टरों पर आरोप क्यों लगा रहे हैं?
उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। यह अच्छा है, लेकिन उन्हें अन्य प्रणालियों की आलोचना नहीं करनी चाहिए।’
एलोपैथी के खिलाफ मीडिया में रामदेव के विज्ञापन के बारे में पता चलने पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा
‘इसकी क्या गारंटी है कि आयुर्वेद सभी बीमारियों को ठीक कर देगा.” मुख्य न्यायाधीश ने रामदेव की जमकर आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘रामदेव डॉक्टरों पर ‘हत्यारे’ की तरह आरोप लगा रहे हैं।
आईएमए के वकील ने उन विज्ञापनों की ओर इशारा किया जिनमें रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे।
कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब भी मांगा है.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कोर्ट ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों पर
निर्देश देने को कहा है. पीठ ने सरकार से पूछा कि रामदेव और पतंजलि मीडिया में विज्ञापनों के जरिए
एलोपैथिक डॉक्टरों पर हत्यारे कैसे आरोप लगा सकते हैं। बेंच ने कहा, ‘यह क्या है?
बेहतर होगा कि केंद्र इस तरह के दुष्प्रचार को बंद करे।
आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी बाबा रामदेव को सलाह दी थी।
कोर्ट ने कहा था कि रामदेव आयुर्वेद के प्रति सम्मान बनाए रखें, लेकिन एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर जनता को गुमराह न करें.