Kisan:किसानों ने कहा जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे, मिल प्रबंधन एवं प्रशासन के खिलाफ है किसानों में काफी आक्रोश

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Kisan:किसानों ने कहा जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे, मिल प्रबंधन एवं प्रशासन के खिलाफ है किसानों में काफी आक्रोश

Kisan: कुशीनगर जनपद के हाटा में बिरला ग्रुप की अवध शुगर मिल एण्ड एनर्जी लीमिटेड ने चीनी मिल के बगल में एथेनाल प्लांट लगाने के लिए करीब 35 एकड़ जमीन का अधिग्रहण सरकार के माध्यम से कराया था।

इसे हरपुर गांव के करीब 80 किसानों की खेती की जमीन शामिल थी। किसान यह जमीन चीनी मिल को देने को तैयार नहीं हो रहे थे,

लेकिन चीनी मिल प्रबंधन ने अधिग्रहण कानून का सहारा लेकर जमीन की कीमत सरकार के ट्रेजरी में जमा करा दिया और उसी के आधार पर सरकारी अभिलेखों में किसानों का नाम खारिज करा कर चीनी मिल प्रबंधन का नाम दर्ज कराया लिया।

इधर किसान जमीन नहीं देने की लगातार लड़ाई लड़ रहे थे। मामला हाई कोर्ट में भी गया, लेकिन अधिग्रहण कानून के तहत किसानों का मुकदमा न्यायालय ने खारिज कर दिया।

इधर प्रशासन किसानों से गांव में कैंप लगा कर कई बार बातचीत की, लेकिन किसान अपनी खेती की जमीन सरकारी दर पर देने को तैयार नहीं हुए।

जिसके बाद रविवार को प्रशासन ने भारी फोर्स की मौजूदी में अधिग्रहित भूमि पर चीनी मिल को कब्जा दिलाया। जबकि इस दौरान किसानों के खेत में उनकी फसल काट कर रखी गई थी।

प्रशासन और चीनी मिल प्रबंधन इसे कानूनी प्रक्रिया बता रहा है जबकि किसान इसे दमनात्मक कार्यवाही बता रहे है।

हारपुर गांव के किसान अफती देवी ने बताया कि हमारी खेती की जमीन चीनी मिल के कहने पर सरकार छिन रही है। उनके दो बेटे है लेकिन खेती के अलावा कमाई का और कोई जरिया नहीं है।

खेत नहीं रहेंगे तो परिवार क्या खाएगा। मुल्लुर यादव ने बताया कि हमारी पूरी जमीन आ अधिग्रहण में जा रही है।

खेती के लिए हमारे पास कोई और जमीन नहीं है। सरकार हम लोगों को जबरिया भूमिहीन बना रही है। प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए

पुष्पादेवी ने बताया कहा कहना है कि हमारे घर के पीछे ही हमारी खेती की पूरी जमीन है, लेकिन बगैर हम लोगों के मर्जी के हमसे हमारी जमीन छिनी जा रही है।

अगर हमारी जमीन चाहिए तो उतनी ही जमीन हम लोगों को चीनी मिल कही और खरीद कर देदे। हम लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।

मनोज सिंह का कहना है कि किसान के लिए उसकी जमीन सब कुछ होती है, लेकिन जिस तरह से किसानों के मर्जी के विरूद्व जमीन छिनी जा रही है।

उसे बर्बरता ही कहा जाऐगा। जो किसान अपने हित की बात कह रहे है उन्हें मुकदमा लिख कर जेल भेजा जा रहा है।

 

Ajay Sharmahttp://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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