Tamkuhirod-Chhitauni Rail Project:जिस पटरी पर दौड़ाई जानी थी ट्रेन, उस पर दौड़ाने लगे है ऑटो
Riport :S.S.Singh
Tamkuhirod-Chhitauni Rail Project:कुशीनगर जिले और बिहार के बीच बनने वाली तमकुहीरोड-छितौनी
रेल परियोजना 15 साल बाद भी आधा अधूरा है। इस योजना के तहत करीब चार किलोमीटर तक रेलवे लाइन
बिछाकर छितौनी में स्टेशन का निर्माण करा दिया गया है, पर इसका पूर्णत्या निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। जिस पटरी का
निर्माण हुआ है, वहां टेंपो खड़े किए जाते हैं। सांसद विजय दुबे ने कहा कि इस परियोजना को पूरा कराने के लिए प्रयास
किया जा रहा है। तीन सितंबर को वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम सहित अन्य अधिकारियों की बैठक में इस पर चर्चा
किया जाएगा और केंद्रीय रेल मंत्री से मिलकर इस बारे में आवश्यक कार्यवाही की मांग की जाएगी।
क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, 20 फरवरी 2007 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने गंडक प्रभावित इलाकों में
आवागमन की सुविधा के लिए तमकुहीरोड-छितौनी रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। करीब 62.5
किलोमीटर लंबी लाइन एक तरफ से गोरखपुर – नरकटियागंज रेल मार्ग तो दूसरी ओर से कप्तानगंज-थावे रेल
मार्ग से जाकर जुड़ती। इससे जिले के चार ब्लॉक दुदही, सेवरही, खड्डा और विशुनपुरा के साथ बिहार के गोपालगंज
के मधुबनी, भितहां, ठकरहां और पिपरासी के लोगों को काफी फायदा मिलता। लोगों का आवागमन भी आसान हो जाता।
इस दौरान इस रेलवे लाइन पर छितौनी और जटहां बाजार, मधुबनी, खैरा टोला, धनहा और पिपरही में रेलवे स्टेशन
बनाने की भी योजना थी। इसमें छितौनी में रेलवे स्टेशन का भवन भी बना दिया गया। लोगों का कहना है कि पूरी रेल
लाइन पर 10 बड़े पुल और 47छोटे पुलों का निर्माण प्रस्तावित था।
सांसद विजय दुबे ने कहा कि, छितौनी-तमकुही रेल परियोजना को पूरा कराने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र
दिया जाएगा। तीन सितंबर को वाराणसी में पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम सहित
अन्य अधिकारियों की बैठक है। उसमें इस मामले को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा।
छितौनी-तमकुही रेल परियोजना का शिलान्यास 20 फरवरी वर्ष 2007 में हुआ था।
तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने छितौनी इंटर कॉलेज के मैदान में इसका शिलान्यास किया।
परियोजना के लिए कुुल लागत 269.78 करोड़ रुपये थी, जिनमें करीब 103.31 करोड़ रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं।