Plantation scam in UP:बिहार के चारा घोटाले की तरह यूपी में वृक्षारोपण घपला, सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा
Plantation scam in UP: बिहार के चारा घोटाले की तरह यूपी में वृक्षारोपण घपले का मामला सामने आया है।
यूपी के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा वृक्षारोपण के लिए
ठेकेदारों व अन्य व्यक्तियों को किए 1.37 करोड़ रुपए के भुगतान में फर्जीवाड़ा हुआ है।
भारत के महालेखा नियंत्रक लेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट
में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार यह एक तरह का गबन है।
इस ऑडिट जांच में गलत ट्रैक्टरों/जेसीबी नम्बरों वाले 1058 वाउचरों का पता चला।
जिन ट्रैक्टरों और जेसीबी के नम्बरों का वाउचरों के जरिये भुगतान किया गया, दरअसल कभी हुआ ही नहीं था।
चारा घोटाले में भी इसी तरह गाड़ियों के फर्जी वाउचर लगाकर भुगतान कराया गया था।
सीएजी की इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 से 2018-19 के लिए 20 वन प्रभागों में विभिन्न कार्यों के भुगतान के
मासिक वाउचरों की आडिट जांच हुई। इसमें पता चला कि वृक्षारोपण और संरक्षण उद्देशयों के लिए
प्रभागों ने गड्ढों और खाइयों आदि की खुदाई, मिट्टी का कार्य, पौधों, गाय के गोबर, ईंट के कार्य,
पौधों को पानी देने आदि के ढुलाई का कार्य ठेके पर ट्रैक्टर और जेसीबी का इस्तेमाल करके करवाया गया।
ट्रैक्टर/जेसीबी आदि के पंजीकरण संख्या, निष्पादित कार्य का विवरण,
भुगतान की गई राशि जिन वाउचरों में अंकित की गई वह सभी फर्जी निकले हैं।
मामले में प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने दिसम्बर 2020 और मार्च 2021 में सूचना दी कि आडिट आपत्तियों को स्वीकार
किया गया और दोषी कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई।
सरकार ने अपने उत्तर में बताया कि इस मामले में 14 कर्मचारियों को निलंबित किया गया।
137 को आरोप पत्र दिया गया और 44 कार्मिकों की सेवानिवृत्ति या मृत्यु हो चुकी है।
बाकी दोषी कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी है।