Will Rahul Gandhi take over the reins of Congress again?, खुद बोले- मैं अध्यक्ष बनूंगा या नहीं इसके लिए…
Will Rahul Gandhi take over the reins of Congress again?:जब चुनाव होंगे तो यह साफ हो जाएगा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष बनूंगा या नहीं, इसलिए कृपया
तब तक इंतजार करिए.’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने
शुक्रवार को पार्टी की अगुवाई करने के बारे में यह बात कही.
उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहा कि पदयात्रा यह समझने की कोशिश है कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है
और साथ ही यह बीजेपी और आरएसएस की ओर से किए नुकसान की भरपाई की कोशिश है.
Will Rahul Gandhi take over the reins of Congress again?
राहुल गांधी ने कांग्रेस को बचाने के लिए यह यात्रा किए जाने के आरोपों पर कहा, ‘BJP-RSS अपनी राय रखने के लिए
स्वतंत्र हैं लेकिन हम, लोगों से जुड़ने के लिए यह ‘यात्रा’ कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सभी संस्थान अब BJP के नियंत्रण में हैं और उनका विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया
जा रहा है. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के लिए कोई संदेश देने के सवाल पर कहा, मेरे पास कोई संदेश नहीं है.
राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के अनुरोध संबंधी
सवाल पर कहा, मैंने निर्णय ले लिया है, मैं बहुत स्पष्ट हूं,
जब पार्टी के चुनाव होंगे तब जवाब दूंगा. अगर मैं कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ता हूं
तो आप मुझसे सवाल पूछ सकते हैं और तब मैं जवाब दूंगा कि मैंने चुनाव क्यों नहीं लड़ा.
कांग्रेस ने राहुल गांधी समेत 119 नेताओं को भारत यात्री नाम दिया है
जो कन्याकुमारी से पदयात्रा करते हुए कश्मीर तक जाएंगे.
ये लोग कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे.
वहीं भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया है
कि कांग्रेस का चरित्र ही भारत को तोड़ने का रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा निशाना साधते हुए
कहा कि भारत को तोड़ने वाले आज स्वांग रच रहे हैं लेकिन यह देश इतिहास नहीं भूलेगा.
भारत विभाजन के टाइम लाइन वाले पोस्टर पर तारीख के साथ लिखा गया है कि 3 जून 1947 को माउंटबेटन ने
भारत-पाक बंटवारे का प्लान दिया, जिसे 15 जून 1947 को कांग्रेस ने मंजूरी दे दी.
ब्रिटिश पार्लियामेंट ने इस योजना को 18 जुलाई 1947 को मंजूरी दे दी. इसके बाद लाखों लोग मारे गए और करोड़ों
बेघर हो गए. कांग्रेस के भारत तोड़ो चरित्र की वजह से 14-15 अगस्त 1947 को भारत का विभाजन हो गया.