9 माह से 5 वर्ष तक के सात लाख बच्चे पीएंगे विटामिन ‘ए’ की खुराक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ‘ए’ के सम्पूर्ण कार्यक्रम में टीकाकरण अभिन्न अंग : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी
• बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन ए की खुराक पिलाना जरूरी
• बीमारी और कमजोरी से बचाने के लिए 7,24,318 लाख बच्चे पीएंगे विटामिन ए
प्रयागराज 2 अगस्त 2022: : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद में 3 अगस्त से नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को बीमारी और कमजोरी से बचाने के लिए विटामिन-ए की खुराक पिलाई जाएगी।
जनपद में नौ माह से बारह माह के 42285 बच्चे व एक से दो वर्ष के 159341 लाख बच्चे व दो से पाँच वर्ष के 522692 लाख बच्चे लक्षित हैं।
नौ माह से पांच वर्ष तक के कुल सात लाख चौबीस हज़ार तीन सौ अट्ठारह (7,24,318) लक्षित बच्चों को यह खुराक पिलाई जाएगी। यह अभियान पूरे अगस्त माह तक चलेगा।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. तीरथ लाल ने बताया कि “राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के विटामिन ए के सम्पूर्ण कार्यक्रम टीकाकरण का एक अभिन्न अंग है।
इसका उद्देश्य बच्चों में विटामिन ए की कमी को दूर करना है। यह अभियान प्रति वर्ष दो बार छह-छह माह के अंतराल पर नियमित टीकाकरण, वीएचएनडी सत्रों पर आयोजित किया जाता है।
इस वर्ष शासन के निर्देशानुसार जिले में विटामिन “ए” संपूर्ण अभियान की तैयारी पूरी कर ली गई है। जनपद की एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व शहरी स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (यूएचएसएनडी) सत्रों में नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित मात्रा में विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी।
कोरोना प्रोटोकाल के नियमों का ध्यान रखते हुए बच्चों को खुराक पिलाई जाएगी। अभियान में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) विभाग से भी सहयोग लिया जाएगा। कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें चिकित्सीय सुविधा एवं परामर्श प्रदान किया जाएगा।
मानक के आधार पर दी जाएगी खुराक
नौ से बारह माह तक के बच्चों को एमआर के प्रथम टीके के साथ आधा चम्मच (एक एमएल), 16 से 24 माह तक के बच्चे को एमआर के दूसरे
टीके के साथ पूरा चम्मच (दो एमएल), दो से पांच वर्ष तक के बच्चे को छह-छह माह के अंतराल पर पूरा चम्मच (दो एमएल ) देना है।
विटामिन ए शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता में इजाफा करती है व इससे बाल मृत्यु दर में कमी आती है। स्किन के लिए विटामिन ए वरदान माना जाता है।
साथ ही यह खसरे से होने वाली मौत पर भी अंकुश लगाता है। हड्डियां को मजबूत करने और घाव भरने में भी यह मदद करता है। “