Kartik Purnima : वैदिक पंचांग के अनुसार आज कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे हैं कई शुभ योग,बनेगा गजकेसरी राजयोग
Kartik Purnima: वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की पूर्णिमा शुक्रवार को मनाई जाएगी।
कार्तिक पूर्णिमा व्रत भी इसी दिन है। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत शुक्रवार सुबह 06 बजकर 19 मिनट पर होगी। तिथि का समापन 16 नवंबर को देर रात्रि 02 बजकर 58 मिनट पर होगा।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान और दीप दान का विशेष महत्व है।
वैसे तो हर महीने आनेवाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है, लेकिन कार्तिक मास में आनेवाली पूर्णिमा विशेष अवसर है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली मनाई जाती है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर कई शुभ योग बन रहे हैं।
इस बार चंद्रमा और मंगल का राशि परिवर्तन योग दोनों एक दूसरे की राशि में रहेगा।
कार्तिक पूर्णिमा पर देर रात गजकेसरी राजयोग बनेगा। साथ ही इस दिन बुधादित्य राजयोग भी।
इसके बाद अब कार्तिक पूर्णिमा पर 30 साल बाद शश राजयोग बनेगा क्योंकि अब अगले 30 साल बाद ही शनि कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा पर दान पुण्य विशेष फलदाई होगा। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर जो पौराणिक कथा है
उसके अनुसार, भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था।
इसलिए इस पूर्णिमा को त्रिपुरासुर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु मत्स्य रूप में जल में विराजमान रहते हैं।
इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर जल में दीप प्रवाहित करने की बड़ी मान्यता है।
गंगा स्नान का होता है विशेष महत्व-
कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली और त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
इसी मान्यता के चलते लाखों श्रद्धालुइस दिन गंगा सहित अन्य पवित्र जल स्रोतों में स्नान करेंगे।
ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में किए गए स्नान, दान और तप का विशेष महत्व होता है।