leopard:बीटीआर के वाल्मीकि नगर जंगल में मिला तेंदुआ का शव
बाघ के हमले में तेंदुआ के मरने की आशंका
घटनास्थल के इर्द-गिर्द मिले बाघ के पगमार्क
पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों के नेतृत्व में तेंदुए के शव को किया अंतिम संस्कार
बगहा से प्रकाश राज कि रिपोर्ट:–
शिकार को लेकर बाघ और तेंदुए के बीच वर्चस्व की लड़ाई में तेंदुआ जिंदगी से हार गया।कुशीनगर जिले के सीमावर्ती
पश्चिम चम्पारण अंतर्गत वाल्मिकी टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के भालू थापा के नजदीक
शिवधुरी के बगल में रविवार को शाम कालीन गश्ती के दौरान वन कर्मियों ने तेंदुए के शव को पड़ा हुआ देखा।
तकरीबन 8:00 बजे शाम को इसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दी गई।
इसको गंभीरता से लेते हुए वन अधिकारी घटनास्थल पर पर पहुंच बारीकी जांच पड़ताल कर पोस्टमार्टम कराया
और सोमवार को तेंदुए के शव को अधिकारियों के नेतृत्व में अंतिम संस्कार कर दिया गया.
अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत कैसे व क्यों हुआ है इसका असल कारणों का खुलासा हो पाएगा.
फिलहाल बीटीआर प्रशासन में तेंदुआ की मौत के बाद खलबली मची हुई है.
छानबीन में जुटे वनकर्मीः
तेंदुआ का शव रविवार को जंगल में गए ग्रामीणों ने देखा और फिर इसकी सूचना शाम को वनकर्मियों को दी.
जिसके बाद सोमवार की सुबह वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले के छानबीन में जुटे.
इस बारे में पूछे जाने पर वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ नेशामनी के ने बताया कि ऐसी सूचना प्राप्त हुई है.
अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है. तेंदुए की मौत की वजह पोस्टमार्टम
रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगी. यह तय नहीं हो पाया है कि तेंदुआ व्यस्क है या शावक.
बाघ के हमले में तेंदुए की मौत की आशंकाः
बीटीआर वन क्षेत्र में बाघ के द्वारा किसी जानवर के शिकार किए जाने के बाद बाघ उसे बासी होने के लिए छोड़ देता है
और 24 घंटे के बाद ही फिर उसे भोजन के रूप में खाता है. इस दरमियान जंगल में विचरण करने वाले तेंदुए उस शिकार
को खाने का प्रयास करते हैं. बाघ जो कि अपने शिकार के नजदीक ही डेरा डाले रहता है.
ऐसे में बाघ तेंदुए पर हमला कर देता है, जिसमें अक्सर तेंदुए की मौत हो जाती है.
लिहाजा आशंका ऐसी भी जताई जा रही है की बाघ के हमले में ही तेंदुआ की मौत हुई होगी.
98 तेंदुओं का संख्य
पिछले साल टाइगर डे के उपलक्ष में तेंदूओ की संख्या का भी घोषणा किया गया था।
तब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 98 तेंदुआ हुआ करते थे। लेकिन इस बीच
तीन तेंदुओ की मौत हो चुकी है। हालांकि इस एक साल में तेंदुओ की संख्या बढ़ी भी है।