Naturalist Training:वन अधिकारी ने प्रशिक्षित नैचुरलिस्ट्स को किया प्रेरित
Naturalist Training: सरदार महिपाल राजेंद्र जनजातीय (पी.जी.) कॉलेज, साहिया में आयोजित नैचुरलिस्ट ट्रेनिंग कार्यक्रम का आज भव्य समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुश्री विभु चौहान सहायक वन संरक्षक, उत्तराखंड वन विभाग ने छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती रेनू गुप्ता, प्राचार्य, एसएमआर डिग्री कॉलेज, साहिया, ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें सभी गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम को शुभकामनाएं दीं।
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल
अपने संबोधन में सुश्री विभु चौहान ने कहा, “नैचुरलिस्ट ट्रेनिंग कार्यक्रम, उत्तराखंड के पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से युवा न केवल पेशेवर कौशल हासिल कर रहे हैं, बल्कि प्रकृति के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है।”उन्होंने छात्रों के साथ चर्चा करते हुए उनकी शिक्षा और अनुभव का आकलन किया और कहा कि इस क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को आसन बैराज डिवीजन या देबन वन डिवीजन में अवसर मिल सकते हैं।
संरक्षण में योगदान देने के लिए करते हैं प्रेरित
प्राचार्य श्रीमती रेनू गुप्ता ने इस कार्यक्रम को कॉलेज और स्थानीय क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, “इस प्रकार के प्रशिक्षण स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करते हैं और उन्हें उत्तराखंड की प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।”
कार्यक्रम के प्रशिक्षक राजीव बिष्ट, जो एक प्रसिद्ध पक्षी विशेषज्ञ और ईको-टूरिज्म प्रशिक्षक हैं, ने छात्रों को ट्रेनिंग मॉड्यूल्स के बारे में बताया। उन्होंने प्रशिक्षण के व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि साहिया क्षेत्र में ईको-टूरिज्म और वाइल्डलाइफ गाइडिंग के लिए अपार संभावनाएं हैं।
कार्यक्रम समन्वयक पंकज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, “नैचुरलिस्ट ट्रेनिंग कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं को व्यावहारिक कौशल प्रदान करना है, जिससे वे ईको-टूरिज्म और वाइल्डलाइफ गाइडिंग जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकें। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों ने न केवल तकनीकी ज्ञान हासिल किया है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और जिम्मेदारी का भी विकास हुआ है।”उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कार्यक्रम क्षेत्र के युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह प्रशिक्षण VISA और पर्यटन एवं आतिथ्य कौशल परिषद (Tourism and Hospitality Skill Council – THSC) के सहयोग से आयोजित किया गया, जो क्षेत्रीय युवाओं को कौशल विकास के साथ आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करता है।
छात्रों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें न केवल नई जानकारियां मिलीं, बल्कि उन्होंने वाइल्डलाइफ गाइडिंग और ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में व्यावहारिक कौशल भी हासिल किए। मुख्य अतिथि के साथ उनकी व्यक्तिगत चर्चा ने उन्हें और प्रेरित किया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में चकराता, रामनगर, साहिया, और नैनीताल जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम स्थानीय समुदाय और युवाओं के लिए न केवल एक प्रेरणादायक पहल रही, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को सशक्त करने में भी सहायक सिद्ध हुआ।