Farmer: किसान करवा ले 31 जुलाई से पहले यह काम,नहीं तो होगा आपका बड़ा नुकसान,और जानें…
Farmer: अगर आप भी किसान हैं और अपनी फसल के खराब होने पर सुरक्षा चाहते हैं,
तो 31 जुलाई से पहले फसल बीमा करवा लें. कृषि विभाग ने 9 जुलाई को खरीफ 2024 और रबी 2024-25 तक दो फसल मौसमों के लिए प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है.
इसके साथ ही पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की भी अधिसूचना जारी हो गई है.
संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद के संजय तनेजा ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के लिए विभिन्न फसलें सम्मिलित की गई है.
31 जुलाई 2024 बीमा कराने की अंतिम तिथि है. ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक व बटाई दार कृषक बीमा में शामिल हो सकते है. बीमा कराया जाना पूर्णतः स्वेच्छिक है.
ऋणी कृषकों से बीमा प्रीमियम की कटौती उनके बैंक खातों से की जाएगी, जो कृषक बीमा से पृथक रहना चाहते है.
नामांकन की अंतिम तिथि से 7 दिन पहले खरीफ के लिए 25 जुलाई तक निर्धारित प्रारूप में घोषणा पत्र भरकर योजना से बाहर रह सकते है.
अन्यथा उनका बीमा वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. संयुक्त निदेशक कृषि जिला परिषद के संजय तनेजा ने बताया कि गत खरीफ 2023 में जिले में 2991 कृषकों को 49 लाख के क्लेम का निर्धारण किया गया.
योजना से जिले के किसानों (Farmer) को बीमा प्रावधानों के अनुसार तहसील एवं पटवार स्तर पर अधिसूचित फसलों पर बीमा से सुरक्षा कवच मिल पायेगा.
फसल बीमा में ये फसलें जिले में शामिल
उन्होंने बताया कि आबूरोड, देलदर, पिंडवाडा व रेवदर तहसील के लिए मक्का, पिंडवाडा तहसील के लिए उड़द, रेवदर व सिरोही तहसील के लिए बाजरा, रेवदर व शिवगंज तहसील के लिए मूंगफली,
शिवगंज, सिरोही व रेवदर तहसील के लिए ग्वार, शिवगंज, सिरोही, पिंडवाडा, रेवदर तहसील के लिए तिल, शिवगंज व पिंडवाडा तहसील के लिए कपास,
रेवदर व सिरोही तहसील के लिए ज्वार तथा शिवगंज, सिरोही व पिंडवाडा तहसील के लिए मूंग बीमा में सम्मिलित किए गए हैं.
योजना में कृषि व उद्यानिकी फसलों में अरण्डी, हरी मिर्च, अनार, टिंडा व टमाटर कृषि व उद्यानिकी फसलें शामिल है.
ऐसे करवा सकते हैं फसल बीमा
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, व्यवसायिक बैंक, भूमि विकास बैंक, सरकारी बैंक, सहकारी समिति द्वारा अधिसूचित इकाई क्षेत्र एवं अधिसूचित फसल के लिए जिन कृषकों को 31 जुलाई तक फसल ऋण की सीमा अनुमोदित स्वीकृत की गई है
या ऋण वितरित किया गया है. योजना के तहत बीमा कर सकेंगे. गैर ऋणी कृषक वित्तीय संस्थाओं, सीएससी सेंटर व डाक घरों से नियमानुसार बीमा कर सकेंगे.
बीमा कराने के लिए आधार क्रमांक की अनिवार्यता होगी. जिले के लिए भारत सरकार की बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इन्शुरन्स कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड है.
बीमा के लिए कृषक को खरीफ में बीमित राशि का 2 प्रतिशत एवं बागवानी व वाणिज्य फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा, जोखिम स्तर 80 प्रतिशत रखा गया है.
ये जोखिम रहेंगे प्रधानमंत्री फसल बीमा में कवर
फसल बीमा में कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमीय परिस्थिति में बुवाई नहीं कर पाने पर, प्रमुख फ़सलों हेतु केवल खरीफ में लागू होगी.
खड़ी फसल बुवाई से कटाई तक अवधि में सूखा, लंबी सूखा अवधि, बाड, जलप्लावन, कीट और व्याधि, भूस्खलन, बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात से उपज में नुकसान पर व्यापक जोखिम बीमा लागू जिसका निर्धारण फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त उपज के आंकड़ो के आधार पर किया जाता है.
फसल कटाई उपरांत खेत मे सूखने के लिए रखी फसल में चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा या ओला वृष्टि से व्यक्तिगत आधार पर हुए नुक्सान के लिए कटाई के उपरांत अधिकतम 14 दिनों की अवधि के लिए लागू.
ये रहेंगी फसल बीमा प्रीमियम राशि
मूंगफली की बीमित राशि 125678 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 2513.58, मक्का की बीमित राशि 36912 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 738.24,
मूंग की बीमित राशि 35804 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 716.08, उडद की बीमित राशि 34373 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 687.46,
ग्वार की बीमित राशि 33883 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 677.66, कपास की बीमित राशि 31588 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 1579.40,
तिल की बीमित राशि 26139 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 522.78, ज्वार की बीमित राशि 22998 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 459.96 तथा बाजरा की बीमित राशि 21589 प्रीमियम कृषक का हिस्सा 431.78 कृषकों का प्रीमियम हिस्सा निर्धारित किया गया है.