ट्रांस-हिमालयी नेटवर्क बनाने पर सहमत हुए चीन और नेपाल, जल्द होगा सर्वे
चीन और नेपाल तथाकथित ट्रांस-हिमालयी मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क बनाने पर सहमत हुए हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक के बाद समझौता हुआ है.
विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन नेपाल सीमा पार रेलवे के व्यवहार्यता अध्ययन के लिए धन मुहैया कराएगा और सर्वेक्षण करने के लिए विशेषज्ञों को नेपाल भेजेगा।
सूत्रों के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट तिब्बत के कीरोंग को काठमांडू से जोड़ेगा।
इससे पहले 2018 में, चाइना रेलवे फर्स्ट सर्वे एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (CRFSDI) ने कीरोंग और काठमांडू के बीच प्रस्तावित 121 किलोमीटर रेल मार्ग का तकनीकी अध्ययन किया था।
जिनपिंग ने हस्ताक्षर किए थे
ट्रांस-हिमालयन मल्टी-डायमेंशनल कनेक्टिविटी नेटवर्क को ट्रांस-हिमालयी नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है।
यह नेपाल और चीन के बीच एक आर्थिक गलियारा है। जो विशेष रूप से पूरे यूरेशिया में कनेक्टिविटी विकसित करता है।
2019 में अपनी नेपाल यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस कॉरिडोर पर नेपाल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस कॉरिडोर में कई ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट भी शामिल किए जाएंगे।
प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना चीन-नेपाल रेलवे है, जो वर्तमान में अध्ययन के चरण में है।
नेपाल को 15 अरब देगा चीन
चीन ने इस साल विभिन्न परियोजनाओं में निवेश करने के लिए नेपाल को 15 अरब रुपये की सहायता राशि देने का वादा किया है।
नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए
अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक बातचीत की, जिसके बाद चीन ने नेपाल को सहायता की घोषणा की।
दोनों विदेश मंत्रियों ने नेपाल-चीन संबंधों के समग्र पहलुओं पर चर्चा की।
दोनों देश व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, पर्यटन, गरीबी उन्मूलन और कृषि प्रबंधन सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने इस वर्ष मार्च में वांग की नेपाल की आधिकारिक यात्रा के बाद से द्विपक्षीय सहयोग के मामलों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
वांग ने नेपाल के अनुरोध के अनुसार 3 मिलियन आरएमबी मूल्य की आपदा राहत सामग्री की भी घोषणा की।