America Debt:तो क्या खत्म हो जाएगी अमेरिका कै बादशाहत, गले तक कर्ज में डूबा सुपरपावर
America Debt: अगर किसी देश पर कर्ज की बात होती है तो एक ही नाम सबसे पहले याद आता है, वो है
पाकिस्तान. अपनी ही गलतियों से कर्ज के जाल में फंसे पाकिस्तान की कंगाली किसी से छिपी नहीं है,
लेकिन बात पाकिस्तान के कर्ज की नहीं बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश के कर्ज की हो रही है.
दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी, आर्थिक महाशक्ति, सुपरपावर देश अमेरिका भारी कर्ज के बोझ से दबा हुआ है.
वो अमेरिका जो दूसरे देशों को कर्ज बांटता है, खुद भारी कर्ज के बोझ से दबा हुआ है.
ये कर्ज छोटा-मोटा नहीं बल्कि लगातार बढ़ते हुए 34,000 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
अमेरिका का कर्ज रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया है. दूसरे देशों को अपनी उंगलियों पर
नचाने वाले अमेरिका के इस कर्ज को देखकर पता चलता है कि आने वाले सालों में
विश्व के सुपर पावर को राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
अमेरिका पर कितना कर्ज
दूसरों को कर्ज देते-देते अमेरिका की खुद की हालात खराब हो गई.
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कोरोना के बाद से विश्व की महाशक्ति पर कर्ज का बोझ और बढ़ा है.
अमेरिका में संघीय सरकार का कुल राष्ट्रीय कर्ज 34,000 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है.
मंगलवार को अमेरिकी वित्त विभाग की ओर से एक वित्तीय रिपोर्ट जारी की गई,
जिसमें बताया गया कि यह कर्ज अमेरिका में आर्थिक तनाव को बढ़ा सकता है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक बिना वार्षिक बजट के सरकार के कामकाज पर
प्रभाव पड़ सकता है, कामकाज का कुछ हिस्सा ठप पड़ सकता है.
रोज 1.8 अरब डॉलर का इंटरेस्ट
पिछले तीन साल में देश का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर बढ़ चुका है.
स्थिति ऐसी हो चुकी है कि अमेरिका को रोजाना 1.8 अरब डॉलर का तो सिर्फ ब्याज चुकाना पड़ रहा है.
अमेरिका पर कर्ज का कुल बोझ देश की जीडीपी का करीब 123 फीसदी तक पहुंच चुका है,
बीते तीन सालों में कर्ज का ब्याज भी दोगुना हो चुका है. अमेरिका को
साल 2020 में रोजाना 90 करोड़ डॉलर का सिर्फ ब्याज चुकाना पड़ता था.
कर्ज इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो अमेरिका का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 200 फीसदी तक पहुंच जाएगा,
यानी कर्ज उसकी इकॉनमी से दोगुना हो जाएगा. बीते साल जून में अमेरिका पर
डिफॉल्ट का संकट मंडराने लगा तो रिपब्लिकन सांसदों और व्हाइट हाउस ने
देश की ऋण सीमा को अस्थायी रूप से हटाने पर सहमति जताकर डिफॉल्ट के जोखिम को
फिलहाल के लिए टाल दिया. यह समझौता जनवरी, 2025 तक चलेगा.
कर्ज कितना खतरनाक
अमेरिका के लिए कर्ज खतरनाक बनता जा रहा है. फिलहाल ये कर्ज
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक नहीं है, क्योंकि निवेशक संघीय सरकार को कर्ज देने को तैयार हैं,
लेकिन आने वाले सालों में यह कर्ज अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा
और स्वास्थ्य जैसे प्रोग्राम को संकट में डाल सकता है. अमेरिका पर जितना कर्ज है,
वो कई देशों की इकोनॉमी से ज्यादा है. अगर ब्रिक्स के 10 देशों की कुल इकोनॉमी को जोड़ दिया
जाए तो भी अमेरिका का कर्ज उससे ज्यादा है. जितना अमेरिका पर कर्ज है,
उतना अगर पाकिस्तान को मिल जाए तो उसकी सूरत बदल सकती है.