वर्ष 2014 के बाद से सरकारी आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि अखिल भारतीय औसत मुद्रास्फीति दर चालू वर्ष 2022 में 6.82 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर
देश में मूल्य वृद्धि और मुद्रास्फीति पर बहस के बीच, वर्ष 2014 के बाद से सरकारी आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि अखिल भारतीय औसत मुद्रास्फीति दर चालू वर्ष 2022 में 6.82 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 में औसत मुद्रास्फीति 6.65 प्रतिशत थी, जो 2015 में घटकर 4.91 और 2017 में गिरकर 3.33 हो गई।
2019 में भी, यह 3.72 प्रतिशत थी, लेकिन 2020 में बढ़कर 6.62 हो गई। औसत मुद्रास्फीति दर में 2021 5.14 प्रतिशत था।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर हर महीने की 12 तारीख (अगले कार्य दिवस अगर 12 तारीख को छुट्टी है) को मुद्रास्फीति दर जारी करता है।
सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार, सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति में समग्र वृद्धि व्यापक आधारित है और प्रमुख योगदान खाद्य और ईंधन से संबंधित सूचकांक में वृद्धि के कारण है।
खाद्य मुद्रास्फीति का नेतृत्व अनाज, दूध, फल, सब्जियां, मसाले और तैयार भोजन से होता है। एलपीजी और केरोसिन की कीमतों में वृद्धि से ईंधन मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई।