four years of ayushman scheme: यूपी में करीब 6 करोड़ ने उठाया फायदा, अब तक कार्ड नहीं बना तो बनवा लें शुरू हो गया अभियान
four years of ayushman scheme: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य
योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. इस योजना के तहत अब तक यूपी के करीब 6 करोड़ लोगों ने
मुफ्त में इलाज कराया गया है. 23 सितंबर 2018 को भारत सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य
मुहैया कराने के उद्देश्य के साथ ‘आयुष्मान भारत’ योजना की शुरुआत की गई थी.
करीब चार साल बाद 24 अगस्त 2022 को सरकार ने एक बड़ा और
आवश्यक बदलाव करते हुए ट्रांसजेंडर्स को भी इस योजना में शामिल करने की ऐलान किया गया.
ऑफिशियल साइट
रजिस्टर्ड ट्रांसजेंडर्स को मिलेगा योजना का लाभ
अब केन्द्रीय सोशल वेलफेयर से रजिस्टर्ड ट्रांसजेंडर्स को इस योजना का लाभ मिल सकेगा.
इसमें उनके इलाज से लेकर लिंग परिवर्तन सर्जरी को भी शामिल किया गया है.
सरकार के इस कदम से ट्रांसजेंडर्स कम्युनिटी में हर्ष का माहौल है.
किडनी व कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरू
अब इस योजना से किडनी व कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा भी मरीजों के लिए शुरू कर दी गई है.
अभी तक कुल 14 लाख मरीजों के उपचार पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
इस योजना के तहत एक वर्ष में एक परिवार को पांच लाख रुपये तक का फ्री उपचार की सुविधा दी जाती है.
इस योजना से जुड़े अब तके इतने अस्पताल
यूपी द्वारा 3,082 अस्पताल (Hospital) इस योजना से अब तक जोड़े जा चुके हैं.
प्रदेश में अब तक करीब 6 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं.
वर्ष 23 सितंबर 2018 में यह योजना प्रदेश में लागू की गई और
चार सालों में मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया.
30 सितंबर बनवा सकेंगे आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड बनाने का अभियान चल रहा है. इसमें कैंप लगाकर लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं.
यह अभियान 30 सितंबर तक चलेगा. जिन लाभार्थियों ने आयुष्मान
कार्ड नहीं बनवाया है तो वह अपने जिले के कैंप में जाकर बनवा सकते हैं.
यहां से बनवाएं आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान कार्ड अपने नजदीकी जनसेवा केंद्र या ब्लॉक में जाकर आयुष्मान मित्र द्वारा बनवाया जा सकता है.
इस पखवाड़े के दौरान कोटेदार, सप्लाई इंस्पेक्टर, आशा वर्कर,
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,पंचायत सहायक सभी से सहयोग लिया जाएगा.
पांच लाख रुपये तक का फ्री इलाज
इस योजना की शुरुआत के बाद पांच लाख रुपये तक का इलाज लोग फ्री में करवा सकते हैं.
सरकार की यह योजना उनके लिए जीवनदायिनी है. इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी
जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है.
इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आयेगी.