software:अभी और बढ़ेगी software में मांग, जानें- कोर्स, नौकरी और सैलरी के बारे में

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software:अभी और बढ़ेगी software में मांग, जानें- कोर्स, नौकरी और सैलरी के बारे में

software: सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में महामारी के बाद कई गुना तेजी आई है, खासकर सॉफ्टवेयर(software) और मोबाइल एप्लीकेशंस के क्षेत्र में।

सॉफ्टवेयर (software) इंजीनियरिंग से जुड़े क्षेत्रों में वीडियो गेम बनाने से लेकर इंटरनेट एप्लीकेशन डेवलपमेंट,

टेस्टिंग, नए कंप्यूटर नेटवर्क बनाने और संचालित करने जैसे विविध कामों की जिम्मेदारी मिल सकती है।

बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस/ एप्लीकेशंस, मास्टर्स ऑफ कंप्यूटर साइंस या बीटेक इन सॉफ्टवेयर(software) इंजीनियरिंग के

छात्रों के लिए खूब विकल्प बन रहे हैं। इसके अंतर्गत सॉफ्टवेयर(software) की डिजाइनिंग,

टेस्टिंग व प्रोग्रामिंग आदि के बारे में जानकारी दी जाती है। इस कार्य को बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी के नहीं

किया जा सकता है। सॉफ्टवेयर(software) की रिपेयरिंग, मॉडिफिकेशन सॉफ्टवेयर (software) इंडस्ट्री में

महामारी के बाद कई गुना तेजी आई है, खासकर सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशंस के क्षेत्र में।

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से जुड़े क्षेत्रों में वीडियो गेम बनाने से लेकर इंटरनेट एप्लीकेशन डेवलपमेंट, टेस्टिंग, नए कंप्यूटर

नेटवर्क बनाने और संचालित करने जैसे विविध कामों की जिम्मेदारी मिल सकती है।

बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस/ एप्लीकेशंस, मास्टर्स ऑफ कंप्यूटर साइंस या बीटेक इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के

छात्रों के लिए खूब विकल्प बन रहे हैं। इसके अंतर्गत सॉफ्टवेयर की डिजाइनिंग, टेस्टिंग व प्रोग्रामिंग आदि

के बारे में जानकारी दी जाती है। इस कार्य को बिना प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी के नहीं किया जा सकता है।

सॉफ्टवेयर की रिपेयरिंग, मॉडिफिकेशन और अपडेट सरीखे कार्य भी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के अंतर्गत आते हैं।

क्या होगा रास्ता

अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं,

तो इस विषय में बीटेक या बीई की डिग्री का विकल्प उपलब्ध है।

इसके अलावा, बीसीए या बीएससी इन कंप्यूटर साइंस/आईटी के माध्यम से भी अपने लिए रास्ता बना सकते हैं।

बैचलर और मास्टर्स स्तर पर डिप्लोमा कोर्स भी हैं। मास्टर्स स्तर के डिग्री कोर्स का विकल्प भी आपके

अवसरों में बढ़ोतरी करेगा। फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के साथ जिन्होंने बारहवीं उत्तीर्ण की है,

वे बैचलर स्तर के कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बीई और बीटेक

कोर्स इंजीनियरिंग के अधिकतर बड़े संस्थानों में उपलब्ध हैं, जिसके लिए

इंजीनियरिंग की अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा रास्ता बनाती है। इसके आगे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में एमटेक भी कर

सकते हैं। कई निजी और प्रतिष्ठित संस्थान भी अपनी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से इस विषय में डिग्री प्रदान करते हैं।

ऑनलाइन कोर्स

सॉफ्टवेयर से सम्बंधित विभिन्न कोर्स ऑनलाइन भी मौजूद हैं।

कई डिप्लोमा कोर्स भी हैं, जिन्हें छात्र छह महीने में पूरा कर सकते हैं। उडेमी, एडएक्स, कोर्सेरा,

अपग्रेड जैसे ऑनलाइन एजुकेशन के प्लेटफॉर्म बड़ी कंपनियों द्वारा चलाए जा रहे शॉर्ट टर्म कोर्स इस क्षेत्र में

अवसर उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद कई संस्थानों ने भी स्पेशलाइजेशन के रूप में ऑनलाइन कोर्स

शुरू किए हैं। हालांकि तकनीकी क्षेत्र होने के चलते इसमें प्रैक्टिकल के लिए

ऑफलाइन ट्रेनिंग अवसरों में बढ़ोतरी करती है। यूटॺूब पर बड़ी संख्या में स्टडी मटीरियल मौजूद है।

रोजगार की संभावनाएं

सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए गूगल, ओरेकल, इन्फोसिस, एक्सेंचर जैसी बड़ी और सभी छोटी सॉफ्टवेयर कंपनियों में

दरवाजे खुलते हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से जुड़े अन्य क्षेत्रों में कोर्स किए हुए युवाओं को भी यहां अवसर मिलते हैं

स्टार्टअप का दौर आने के बाद से इस क्षेत्र में कंसल्टेंसी का काम भी बढ़ा है।

तकनीक आधारित काम होने के कारण विदेशों में भी अवसर मिलते हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपिंग इंडस्ट्री, एप डेवलपिंग, बैंकिंग, फाइनेंस, आर्मी, रोबोटिक्स, साइबर इंडस्ट्री,

गेम डिजाइनिंग इंडस्ट्री, रेलवे व आईटी में बड़े पैमाने पर सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की नियुक्ति होती है।

अनुभव के बाद सिस्टम इंजीनियर या फ्रीलांस कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर कंसल्टिंग फर्म खोल सकते हैं।

मिलने वाली सैलरी

करियर काउंसलर वी. कृतिका कृष्णा का कहना है कि बड़ी कंपनियों और बड़े संस्थान से कोर्स के बाद

शुरुआत में 40-45 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन आसानी से मिलता है।

अमूमन तीन-चार साल के अनुभव के बाद 65-70 हजार रुपये आसानी से मिल जाते हैं।

इस क्षेत्र में अनुभव के बाद सालाना 10-12 लाख रुपये का पैकेज कोई बड़ी बात नहीं है।

कुछ प्रचलित कोर्स

बीएससी इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

बैचलर इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए)

बीटेक/बीई इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

एमएससी इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए)

एमटेक/एमई इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

डिप्लोमा इन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग एंड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

प्रमुख संस्थान

– वीआईटी, बेंगलुरू (बीसीए, एमटेक इन एसई)

– जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली (बीटेक इन सीई)

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद (बीटेक इन आईटी)

– एमिटी इंस्टीटॺूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, पटना (बीसीए)

– शारदा यूनिवर्सिटी, नोएडा (एमसीए)

– आईआईटी एवं एनआईआईटी संस्थान

इस रूप में मिलेंगे अवसर

  • सॉफ्टवेयर डेवलपर/इंजीनियर

  • सॉफ्टवेयर डिजाइनर

  • सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर

  • वेब/गेम डेवलपर

  • फुल स्टैक डेवलपर

  • सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट

  • डाटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर

  • चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर

Ajay Sharmahttp://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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